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अब गढ़वाल विवि से संबद्ध कॉलेजों में समर्थ पोर्टल से होंगे यूजी के दाखिले..

अब गढ़वाल विवि से संबद्ध कॉलेजों में समर्थ पोर्टल से होंगे यूजी के दाखिले..

 

 

 

उत्तराखंड: अगर आप हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में प्रवेश चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए खास है। अब इन महाविद्यालयों में दाखिले के लिए समर्थ पोर्टल पर आवेदन करना होगा। जबकि, स्नातकोत्तर स्तर के प्रवेश विवि की ओर से प्रवेश परीक्षा के आधार पर होंगे। यह फैसला गुरुवार को विवि और पोर्टल के अधिकारियों के बीच हुई ऑनलाइन बैठक में लिया गया। राजधानी की बात करें तो यहां डीएवी पीजी कॉलेज, डीबीएस पीजी कॉलेज, एमकेपी पीजी कॉलेज और एसजीआरआर पीजी कॉलेज विवि से संबद्ध हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि स्नातक स्तर पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित सीयूईटी प्रवेश परीक्षा से होने वाले पंजीकरण समर्थ पोर्टल के माध्यम से होंगे। जबकि, विवि के तीनों परिसरों में पिछले तीन सालों से समर्थ पोर्टल के माध्यम से ही प्रवेश पंजीकरण किए जाते रहे हैं। कॉलेजों में यह व्यवस्था नहीं थी।

संबद्ध महाविद्यालयों से जानकारी मांगी गई..

बैठक में पंजीकरण में आने वाली परेशानियों पर भी चर्चा की गई। छात्र कल्याण के डीन प्रो. महावीर सिंह नेगी का कहना हैं कि छात्रों को पोर्टल पर पंजीकरण करते समय परेशानी न हो इसके लिए संबद्ध महाविद्यालयों से जानकारी मांगी गई है। जबकि, प्रवेश पंजीकरण से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी विवि की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। बैठक में विवि के सभी संकायाध्यक्ष, परिसर निदेशक, कुल सचिव, वित्त अधिकारी, उप कुल सचिव (लीगल), उप कुल सचिव वित्त, परीक्षा नियंत्रक समेत महाविद्यालयों के प्राचार्य शामिल हुए।

पोर्टल पर जानकारी अपलोड होने के बाद ही शुरू होगा पंजीकरण..

विवि की ओर से सभी संबद्ध महाविद्यालयों से गूगल फॉर्म के जरिए जानकारी मांगी गई हैं। महाविद्यालय से जुड़ी सभी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होने में थोड़ा समय लग सकता है। पोर्टल पर सभी जानकारी अपलोड होने के बाद ही पंजीकरण शुरू किया जाएगा। अभी तक संबद्ध महाविद्यालयों की ओर से पंजीकरण करने के बाद सीधे फीस अपने स्तर पर जमा की जाती थी, लेकिन अब समर्थ पोर्टल पर ही फीस का भुगतान करना होगा। ऐसे में विवि और महाविद्यालयों में फीस बंटवारे को लेकर बड़ी समस्या आ सकती है। महाविद्यालय के खाते में फीस आने के बाद ही बच्चे को प्रवेश दिया जाएगा।

 

 

 

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