उत्तरकाशी में पहली बार सिलिका रेत के खनन की योजना, 15 लाख टन निकालने का लक्ष्य..

By tvstateagenda.com Oct 21, 2024

उत्तरकाशी में पहली बार सिलिका रेत के खनन की योजना, 15 लाख टन निकालने का लक्ष्य..

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में पहली बार कांच उद्योग समेत अन्य जगहों में उपयोग में आने वाली सिलिका रेत के खनन की तैयारी है। इसके लिए उत्तरकाशी में नौ जगहों (215 हेक्टेयर) को चिह्नित किया गया है। इसके खनन की तैयारी में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग जुट गया है। हर साल 15 लाख टन सिलिका रेत निकालने की योजना है। अभी तक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग कुमाऊं और गढ़वाल मंडल की नदियों में खनन करता है। इसके साथ ही बागेश्वर में खड़िया की निकासी होती है। इससे विभाग को खासा राजस्व प्राप्त होता है।

अब चिह्नित जगहों का सत्यापन का काम चल रहा..
अब विभाग नए क्षेत्र में राजस्व तलाश कर रहा है। इसी के तहत उत्तरकाशी जिले में सिलिका रेत के खनन की तैयारी है। इसके लिए उत्तरकाशी में नौ जगहों को चिह्नित किया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सिलिका रेत से जुड़ी टेस्टिंग का काम भी हो चुका है। अब चिह्नित जगहों का सत्यापन का काम चल रहा है। इसमें जहां पर सिलिका रेत निकाला जाना है, वह भूमि राजस्व, वन विभाग या निजी है, उसके बारे में पता किया जा रहा है। विभाग की हर साल 15 लाख टन सिलिका रेत निकालने की योजना है। इस कार्य को बोली के माध्यम से दिया जाएगा। इसका बेस लाइन मूल्य 15 करोड़ रुपये रखा जाएगा।

खनन योजना तैयार करनी होगी

सिलिका रेत के खनन से पहले कई प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा। इसमें खनन योजना, सीमांकन, पीसीबी की अनुमति से लेकर पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। इसके बाद खनन शुरू हो सकेगा। विभाग का प्रयास है कि इस महीने टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए। सिलिका रेत को सफेद रेत या औद्योगिक रेत भी कहा जाता है। यह रेत दो मुख्य तत्व सिलिका और ऑक्सीजन से बनी होती है। इसका उपयोग कांच निर्माण में होता है। साथ ही मिट्टी के पात्र, निर्माण सामग्री, पेंट और कोटिंग्स से लेकर गोल्फ कोर्स और खेल के मैदान में होता है। राज्य में पहली बार सिलिका रेत की निकासी की योजना है, यह कार्य उत्तरकाशी जिले में होगा। इसके लिए जगहों को चिह्नित किया गया है। अन्य प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। इससे करीब ढाई सौ करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।

 

 

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