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फॉरेस्ट फायर की तैयारियों को भांपेगा विभागों का संयुक्त अभ्यास..

फॉरेस्ट फायर की तैयारियों को भांपेगा विभागों का संयुक्त अभ्यास..

मॉक ड्रिल के लिए तैयार राज्य के 7 जिले..

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में फॉरेस्ट फायर सीजन की शुरुआत से पहले विभागों का संयुक्त अभ्यास होने जा रहा है. एनडीएमए यानी नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की देखरेख में होने वाले इस मॉक ड्रिल में राज्य की अब तक फॉरेस्ट फायर को लेकर हुई तैयारी का आकलन किया जाएगा. खास बात यह है कि इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है और अब विभागों के आपसी समन्वय के साथ प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में इस अभ्यास को किया जाना है.

उत्तराखंड के ऐसे सात जिले हैं. जहां पर फॉरेस्ट फायर के लिए मॉक ड्रिल होने जा रही है. इन जिलों में उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, चंपावत, देहरादून, अल्मोड़ा, नैनीताल और टिहरी गढ़वाल जिला शामिल है. उत्तरकाशी जिले में तीन जगहों पर मॉक ड्रिल होगी. इसी तरह पौड़ी में दो जगह चिन्हित की गई है. चंपावत में भी दो जगह पर यह अभ्यास होगा. जबकि देहरादून, अल्मोड़ा में तीन- तीन क्षेत्र इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. नैनीताल जिले में 1 और टिहरी गढ़वाल में 3 क्षेत्र में मॉक ड्रिल किया जाएगा.

बता दे कि देहरादून में वन प्रभाग देहरादून के अलावा चकराता और मसूरी डिवीजन में संयुक्त अभ्यास किया जाएगा. इसके लिए वन विभाग तैयारी में लगा हुआ है. देहरादून वन प्रभाग में प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि विभाग की तरफ से इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है और मंगलवार को विभिन्न विभागों के स्तर पर अब तक हुई तैयारी की समीक्षा भी की जानी है. जिसके बाद 13 फरवरी को एक साथ सभी 7 जिलों में चिह्नित किए गए क्षेत्र में मॉक ड्रिल होगी.

उत्तराखंड में फायर सीजन 15 फरवरी से 15 जून तक चलता है. ऐसे में फायर सीजन से ठीक पहले यह मॉक ड्रिल की जा रही है. अब तक इसके लिए विभिन्न विभागों के स्तर से तैयारी को किया जा रहा था. लेकिन अब इसे अंतिम रूप देते हुए मॉक ड्रिल पर समीक्षा किए जाने की तैयारी है. जिसमें वन विभाग के अलावा जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, फायर डिपार्टमेंट, जल संस्थान और लोक निर्माण विभाग समेत होमगार्ड विभाग भी शामिल होंगे. उत्तराखंड में यह पहला मौका है, जब इस तरह फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले मॉक ड्रिल की जा रही है. इस तरह तमाम विभागों की तैयारी का आकलन इस अभ्यास के जरिए किया जा सकेगा और विभिन्न कर्मियों के आधार पर समीक्षा कर इन्हें सुधारने का भी प्रयास किया जाएगा.

 

 

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