राज्य के सभी खाद्यान्न गोदामों में लगे इलेक्ट्रॉनिक तराजू, राशन वितरण में आएगी पारदर्शिता..
उत्तराखंड: अब उत्तराखंड के किसी भी गांव में राशन आपूर्ति में कमी नहीं होगी। राज्य सरकार ने सभी गोदामों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटे स्थापित कर दिए हैं, जिससे राशन की तौल में पारदर्शिता बनी रहेगी।अब विक्रेताओं को राशन केवल इलेक्ट्रॉनिक कांटे से तौलकर ही दिया जाएगा, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। इस पहल से ग्रामवासियों को सही मात्रा में राशन मिलना सुनिश्चित होगा और वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनेगी।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने मंगलवार को अपने कैंप कार्यालय में कहा कि राज्य के सभी गोदामों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाए जा चुके हैं, जिससे राशन की सही तौल सुनिश्चित हो सके। मंत्री का कहना हैं कि ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फैडरेशन की मांगों पर विभाग ने कार्यवाही की है। इसके तहत, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिले के सभी उचित दर विक्रेताओं को नवीन ई-पॉस मशीनें वितरित की जा रही हैं। इससे राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को सही मात्रा में राशन मिलना सुनिश्चित होगा।
मई तक प्रदेश के सभी गोदामों में पहुंचेंगी मशीन..
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रेखा आर्या का कहना हैं कि अप्रैल से ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिलों में नवीन ई-पॉस मशीनों के माध्यम से खाद्यान्न का ऑनलाइन वितरण शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही कुमाऊं मंडल के सभी जिलों में नए सिस्टम इंटीग्रेटर के जरिए नवीन ई-पॉस मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं। गढ़वाल मंडल में भी अप्रैल के अंत तक सभी गोदामों में यह मशीनें उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है। मंत्री ने कहा कि मई से शेष 11 जिलों में भी नवीन प्रणाली के तहत ई-पॉस मशीनों से राशन का ऑनलाइन वितरण शुरू कर दिया जाएगा। इससे राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और उपभोक्ताओं को सही मात्रा में खाद्यान्न मिलना सुनिश्चित होगा।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रेखा आर्या का कहना हैं कि राशन विक्रेताओं की मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी खाद्यान्न गोदामों में इलेक्ट्रॉनिक तराजू स्थापित कर दिए गए हैं। इसके साथ ही गढ़वाल-कुमाऊं संभाग के संभागीय खाद्य नियंत्रकों और सभी जिला पूर्ति अधिकारियों को आवश्यकतानुसार इलेक्ट्रॉनिक तराजू क्रय करने की स्वीकृति भी दे दी गई है। मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि कोरोना काल में “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना” के तहत राशन विक्रेताओं के लाभांश और परिवहन के लिए भारत सरकार से लगभग 56 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हुआ है।इस पहल से राशन वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगी, जिससे उपभोक्ताओं को सही मात्रा में खाद्यान्न मिलना सुनिश्चित होगा।
गेहूं आधारित पोषाहार के लिए की नई व्यवस्था..
जल्द ही जिला पूर्ति अधिकारियों को बजट आवंटित कर राशन विक्रेताओं के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके साथ ही गेहूं आधारित पोषाहार (WBNP) के लिए नई व्यवस्था की गई है। जिसमें खाद्य आयुक्त कार्यालय के स्तर से जिलों की वास्तविक मांग के अनुसार बजट आवंटित किया जाएगा।इस योजना के लाभांश और परिवहन व्यय का बजट भी प्राप्त हो गया है, जिसे जल्द ही विक्रेताओं को भेज दिया जाएगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन विक्रेताओं के लिए अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 तक जिलों को 8.63 करोड़ रुपये का लाभांश आवंटित किया गया है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की तरह राज्य खाद्य योजना में भी राशन विक्रेता को 180 रुपये प्रति कुंतल का लाभांश मिले, इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है।
राशन विक्रेताओं को मिलेगा निशुल्क डाटा
राशन विक्रेता ऑनलाइन खाद्यान्न वितरण के लिए निशुल्क नेट डाटा की मांग कर रहे थे। प्रदेश में नए सिस्टम इंटीग्रेटर के माध्यम से प्रदेश के सभी राशन विक्रेताओं को डाटा युक्त नई ई-पॉस मशीनें निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। भविष्य में राशन विक्रेताओं को मासिक आधार पर निशुल्क नेट डाटा मिलेगा।